श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए जन्माष्टमी पर कौन-कौन सी चीजें चढ़ाई जाती हैं? जानिए पूजन की संपूर्ण सामग्री और उसका महत्व।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त उपवास रखते हैं, खूबसूरत झांकियां सजाते हैं और रात 12 बजे बाल गोपाल के जन्म का उल्लासपूर्वक स्वागत करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भगवान को क्या अर्पित करना शुभ होता है और क्या नहीं? इस लेख में जानिए कि बाल गोपाल को क्या- क्या अर्पित करें और क्या नहीं चढ़ाना चाहिए
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप का पूजन विशेष विधि-विधान से किया जाता है। इस दिन भक्त उनके जन्म की घड़ी यानी अर्धरात्रि को विशेष पूजा करते हैं और उनके लिए झूला, श्रृंगार और भोग की तैयारियां करते हैं। पूजा को पूर्ण और फलदायी बनाने के लिए कुछ विशेष वस्तुएं और सामग्रियां आवश्यक होती हैं। जानें।
भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र: बाल गोपाल का स्वरूप पूजा में आवश्यक है।
चौकी और कपड़ा: पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण भगवान का अभिषेक करने हेतु।
दीपक और धूप सामग्री: रुई, तेल, घी का दीपक, कपूर, अगरबत्ती और धूप।
फूल और तुलसीदल: गेंदे, गुलाब, और तुलसी के पत्ते भगवान को अत्यंत प्रिय हैं।
मिठाई और फल: लड्डू, पेड़ा, माखन, मिश्री, दही, पंजीरी, फल आदि का भोग लगाएं।
श्रृंगार सामग्री: बांसुरी, मोरपंख, मुकुट, कुंडल, पगड़ी, कड़े, माला, टीका, काजल आदि।
झूला और पालना: बाल गोपाल को झूला झुलाना इस दिन का विशेष कार्य होता है।
कलश और नारियल: पूजा की पूर्णता के लिए कलश की स्थापना करें।
गंगाजल और इत्र: भगवान को शुद्ध जल और सुगंध अर्पित करें।
माखन मिश्री: श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय।
खीर: दूध और चावल से बनी खीर भगवान के लिए उत्तम भोग है।
पंजीरी: धनिया की पंजीरी विशेष रूप से जन्माष्टमी में बनाई जाती है।
फल: केले, सेब, अनार, अंगूर आदि।
सूखे मेवे: पंचमेवा: काजू, बादाम, किशमिश, नारियल, चिरौंजी।
इन सभी वस्तुओं का उपयोग करके विधिपूर्वक पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व केवल उल्लास और सजावट का नहीं, बल्कि सात्विकता, श्रद्धा और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन की पूजा में कुछ विशेष वस्तुएं निषिद्ध मानी गई हैं। अगर इन्हें भूलवश भी भोग में चढ़ा दिया जाए तो पूजा की पवित्रता भंग हो सकती है। अतः आवश्यक है कि यह जानें कि जन्माष्टमी पर किन चीजों का परहेज़ करना चाहिए।
प्याज और लहसुन: ये दोनों तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं और किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या व्रत में वर्जित होते हैं।
मांसाहारी भोजन: पूर्णत: निषिद्ध।
चाय और कॉफी: ये कैफीन युक्त होती हैं और व्रत के नियमों के अनुसार इनका त्याग करना चाहिए।
नमकीन और मसालेदार भोजन: अधिक मसाले, लाल मिर्च, गरम मसालों से परहेज़ करें।
भोग को चखना: भोग भगवान के लिए होता है, इसलिए उसे चखना अपवित्र माना जाता है।
बासी या दूषित सामग्री का प्रयोग: ताजे और शुद्ध खाद्य पदार्थ ही उपयोग करें।
भोग बनाते समय स्वच्छता का ध्यान न रखना: स्नान के बाद और पवित्र मन से ही भोग बनाएं।
अशुद्ध बर्तनों का प्रयोग: साफ बर्तनों में ही प्रसाद बनाएं।
बिना ध्यान और मंत्रों के भोग अर्पण करना: मंत्रोच्चारण और ध्यानपूर्वक भोग अर्पण करें।
भोग को घर के किसी कोने में रखना: भगवान के समक्ष, चरणों में, विधिवत रखें।
जल्दी में या अधूरे मन से पूजा करना: भगवान को श्रद्धा और प्रेम चाहिए, न कि औपचारिकता।
अतः श्रद्धा, नियम और प्रेम के साथ यदि जन्माष्टमी मनाएं, तो न केवल भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होगी, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार भी होगा।
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